रूपईडीहा बाजार में जागरूकता की जरूरत
व्यवस्थित पार्किंग और ठेला प्रबंधन से बनेगा सुंदर बाजार का उदाहरण

एम अरशद
बहराइच ( रूपईडीहा )। भारत नेपाल सीमा से सटे रूपईडीहा बाजार में रोजाना बड़ी संख्या में स्थानीय व नेपाली नागरिक खरीदारी के लिए आते हैं। ऐसे में बाजार की रौनक तो बढ़ती है, लेकिन छोटी असावधानियां आवागमन में कठिनाई का कारण बन जाती हैं। अक्सर देखा जाता है कि लोग दुकानों के बाहर ही मोटरसाइकिल खड़ी कर दुकान के अंदर खरीदारी करने चले जाते हैं, जिससे सड़क किनारे स्थान संकुचित हो जाता है। वहीं, कुछ रेवड़ी व ठेला संचालक अपने ठेले सड़क पर लगाकर बिक्री करने लगते हैं। स्थानीय नागरिकों का मानना है कि यदि सभी वाहन और ठेले थोड़ा व्यवस्थित तरीके से लगाए जाएं, तो सड़क अधिक खुली और स्वच्छ दिखेगी, जिससे पैदल चलने वालों और वाहनों दोनों के लिए रास्ता सुगम रहेगा। बाजार की सुंदरता और सुचारू व्यवस्था बनाए रखना सबकी जिम्मेदारी है। साफ सुथरा और खुला रास्ता न केवल सुविधा बढ़ाता है, बल्कि बाजार की छवि को भी सकारात्मक बनाता है। रूपईडीहा के लोगों का यह साझा विचार है कि छोटी-छोटी सतर्कताओं से बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है और यदि सभी मिलकर जागरूकता दिखाएं, तो रूपईडीहा बाजार एक अनुशासित और आदर्श बाजार का उदाहरण बन सकता है।